Contents
- 1 तुम्हारा होना | प्रतिभा कटियारी
- 2 Pratibha Katiyar Stories / Poems
- 2.1 हरा | प्रतिभा कटियारी
- 2.2 हत्यारे की आँख का आँसू और तुम्हारा चुंबन सुनो | प्रतिभा कटियारी
- 2.3 सौंदर्य | प्रतिभा कटियारी
- 2.4 सिर्फ तुम्हारा खयाल | प्रतिभा कटियारी
- 2.5 सुनो, मैं तुम तक पहुँचना चाहती हूँ… | प्रतिभा कटियारी
- 2.6 शहर लंदन | प्रतिभा कटियारी
- 2.7 शब्द भर ‘ठीक’ | प्रतिभा कटियारी
- 2.8 वही बात | प्रतिभा कटियारी
- 2.9 रोने के लिए आत्मा को निचोड़ना पड़ता है | प्रतिभा कटियारी
- 2.10 Like this:
तुम्हारा होना | प्रतिभा कटियारी
तुम्हारा होना | प्रतिभा कटियारी
तुम्हारा होना
जैसे चाय पीने की शदीद इच्छा होना
और घर में चायपत्ती का न होना
जैसे रास्तों पर दौड़ते जाने के इरादे से निकलना
और रास्तों के सीने पर टँगा होना बोर्ड
डेड इंड
जैसे बारिश में बेहिसाब भीगने की इच्छा
पर घोषित होना सूखा
जैसे एकांत की तलाश का जा मिलना
एक अनवरत कोलाहल से
जैसे मृत्यु की कामना के बीच
बार-बार उगना जीवन की मजबूरियों का
तुम्हारा होना अक्सर ‘हो’ के बिना ही आता है
सिर्फ ‘ना’ बनकर रह जाता है…