by Guddu Ram बस मैंने जीवन को जिया,खुशियों से सजाया। गुजरे पलों की छाया में,मैंने सपनों को सजाया। बड़ी मुश्किलों से लड़ा मैंने,आगे बढ़ने का अवसर पाया। जीवन के रास्तों पर चलते-चलते,हर मोड़ पर मैंने खुद को पाया। कुछ गलतियों से सीख मिली,कुछ कठिनाइयों से मैंने नई राह पायी। बिखरी हुई ख्वाबों को संवारा,अपनी हँसी […]
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अंगूठे का दान | रामधारी सिंह दिनकर
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गाँव बेचकर शहर खरीदा
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कुर्सीनामा | गोरख पाण्डेय
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मधुशाला | हरिवंशराय बच्चन
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