ग़म की अंधेरी रात में दिल को ना बेक़रार कर सुबह ज़रूर आयेगी सुबह का इन्तज़ार कर दिल की लगी बुझा न दे दिल की लगी से प्यार कर सुबह जरूर आएगी सुबह का इंतज़ार कर
Jan Nisar Akhtar (जाँनिसार अख्तर)
जन निसार अख्तर उर्दू ग़ज़लों और नज़्मों के एक भारतीय कवि थे, और प्रगतिशील लेखकों के आंदोलन का एक हिस्सा थे, जो बॉलीवुड के गीतकार भी थे।