Contents
- 1 वही बात | प्रतिभा कटियारी
- 2 Pratibha Katiyar Stories / Poems
- 2.1 हरा | प्रतिभा कटियारी
- 2.2 हत्यारे की आँख का आँसू और तुम्हारा चुंबन सुनो | प्रतिभा कटियारी
- 2.3 सौंदर्य | प्रतिभा कटियारी
- 2.4 सिर्फ तुम्हारा खयाल | प्रतिभा कटियारी
- 2.5 सुनो, मैं तुम तक पहुँचना चाहती हूँ… | प्रतिभा कटियारी
- 2.6 शहर लंदन | प्रतिभा कटियारी
- 2.7 शब्द भर ‘ठीक’ | प्रतिभा कटियारी
- 2.8 रोने के लिए आत्मा को निचोड़ना पड़ता है | प्रतिभा कटियारी
- 2.9 रास्ते | प्रतिभा कटियारी
- 2.10 Like this:
वही बात | प्रतिभा कटियारी
वही बात | प्रतिभा कटियारी
उनके पास थीं बंदूकें
उन्हें बस कंधों की तलाश थी,
उन्हें बस सीने चाहिए थे
उनके हाथों में तलवारें थीं,
उनके पास चक्रव्यूह थे बहुत सारे
वे तलाश रहे थे मासूम अभिमन्यु
उनके पास थे क्रूर ठहाके
और वीभत्स हँसी
वे तलाश रहे थे द्रौपदी
उन्होंने हमें ही चुना
हमें मारने के लिए
हमारे सीने पर
हमसे ही चलवाई तलवार
हमें ही खड़ा किया खुद
हमारे ही विरुद्ध
और उनकी विजय हुई हम पर
उन्होंने बस इतना कहा
औरतें ही होती हैं
औरतों की दुश्मन, हमेशा…