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तब

असंख्य बार मैंने गिनना चाहालेकिन तारे कभी उंगली पर नहीं आए हमेशा बाहर रहे और उनका टिमटिमानाधूल ने भी अपने पानी में देखा बच्चे जब-जब थकेबैठ गए अगली रात के इंतजार में औरफिर निराश हुएये तारे फिर नहीं गिने गए ये तारे जहाँ रहेकभी झाँसे में नहीं आए किसी के वरना जिनके पास ताकत हैउनकी […]