घड़ी1
घड़ी1

सब कुछ इसके सामने होता है

इसका टिकटिकाना देर तक गूँजता है
यही इसकी पुकार है चुप्पी में
यही इसका विरोध

सब कुछ देखने वाली घड़ी
कभी गवाही नहीं देती।

See also  आपन गीत हम लिखब... | प्रतिभा कटियारी

Leave a comment

Leave a Reply