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हास्यबोध

स्‍वागत होता हैपरिवार के मुखिया काजब घोषणा करता हैघर में अब खाने के लिए कुछ नहींऐसे हास्‍यबोध के साथकि हँसते-हँसतेबच्‍चों के पेट में बल पड़ जाते हैं स्‍वागत होता हैराज्‍य के मुखिया काजब अपनी जनता के सामनेयुद्ध की घोषणा करता हैऐसे हास्‍यबोध के साथकि पूरी तरह हथियारों से लैस जनता केहँसी के मारे दॉंत गिर […]