संदिग्ध का चेहराहमारे आस-पास के हीकिसी आदमी से मिलता-जुलता था। जो बम फटा थाउस पर हमारे आस-पास के हीकिसी मुल्क की पहचान छपी थी। हादसे में जो लोग मरे थेवे हमारे आस-पास के हीकिन्हीं मोहल्लों के रहने वाले थे। हम समझ नहीं पा रहे थे किहमारे आस-पास ऐसा क्यों हो रहा है,धीरे-धीरे अपने पड़ोसियों पर […]
Umesh Chauhan
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शीला भयाक्रांत है
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वह वक्त अब आना नहीं
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लोकतंत्र की नई पौध
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लक्ष्मण-रेखाएँ
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