मन के द्वारे परखुशियों केहरसिंगार रखो जीवन की ऋतुएँ बदलेंगी,दिन फिर जाएँगे,और अचानक आतप वालेमौसम आएँगे,संबंधों कीइस गठरी मेंथोडा प्यार रखो सरल नहीं जीवन का यह पथ,मिलकर काटेंगे,हम अपना पाथेय और सुख, दुखसब बाँटेंगे,लौटा देना प्यारफिर कभी,अभी उधार रखो
Tag: Trilok Singh Thakurela
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समय की पगडंडियों पर
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