Posted inPoems

बिना माँ के बड़ी होने वाली लड़कियाँ

इतने कठोर शीर्षक का मैं विरोध करता हूँ लेकिन इसे शायद ऐसा ही होना है क्योंकि ये जीवन है कितनी ही लड़कियों का जिन्हें बड़ा होना होता है बिना किसी सहारे ख़ुद के ही दम पर पार पाना होता है दुनिया से और ख़ुद से भी  उनके कुछ शुरुआती क़दमों तक वे माएँ उनके साथ रही फिर खो गईं किसी ऐसे बहुत बड़े अँधेरे में जिसे पारिभाषिक रूप से […]