सागर-संगीत | राकेश बिहारी

सागर-संगीत | राकेश बिहारी

सागर-संगीत | राकेश बिहारी – Sagar-Sangeet सागर-संगीत | राकेश बिहारी स्मार्ट और खूबसूरत क्रूज-बालाओं के सुमधुर स्वागत गीत और ताजा फूलों की भीनी-भीनी खुशबू के बीच सुपर स्टार लिब्रा के स्वागत कक्षा में प्रवेश करते ही राहुल क्षण भर को जैसे अपनी सारी थकान भूल गया। उसे आश्चर्य हो रहा था कि कैसे क्रूज की … Read more

वह सपने बेचता था | राकेश बिहारी

वह सपने बेचता था | राकेश बिहारी

वह सपने बेचता था | राकेश बिहारी – Vah Sapane Bechata Tha वह सपने बेचता था | राकेश बिहारी कुछ वर्षों बाद जब प्रीप्रेस इंडिया लि. में कोई दूसरा मैनेजर पीटर की पर्सनल फाइल देखेगा तो उसे यह पता भी नहीं चलेगा कि पीटर ने यह इस्तीफा स्वेच्छा से नहीं लिखा था… कि परिस्थितियों ने … Read more

मैकग्रेगर का एक्स सिद्धांत | राकेश बिहारी

मैकग्रेगर का एक्स सिद्धांत | राकेश बिहारी

मैकग्रेगर का एक्स सिद्धांत | राकेश बिहारी – Maikagregar Ka Ex Siddhant मैकग्रेगर का एक्स सिद्धांत | राकेश बिहारी यह हैदराबाद की एक आम सुबह थी और उनके लिए नए शहर में पहला वीक-एंड। सूरज सामने की पहाड़ी से निकलता हुआ लगभग दो घंटे का सफर तय कर चुका था और आधे से ज्यादा लोग … Read more

बिसात | राकेश बिहारी

बिसात | राकेश बिहारी

बिसात | राकेश बिहारी – Bisaat बिसात | राकेश बिहारी (प्रिय मित्र विनय के लिए, जिसे देखते-सुनते इस कहानी का पता मिला) ‘हम किसी चमकदार रोशनी के पीछे तेजी से भाग रहे हैं और अँधेरे का एक बड़ा-सा वृत्त लगातार हमारा पीछा कर रहा है – रोशनी और अँधेरे की यह भाग-दौड़ आखिर कब तक चलेगी…? जिस दिन हम उजाले की आँख में आँख डाल उससे … Read more

बाकी बातें फिर कभी | राकेश बिहारी

बाकी बातें फिर कभी | राकेश बिहारी

बाकी बातें फिर कभी | राकेश बिहारी – Baki Bate Fir Kabhi बाकी बातें फिर कभी | राकेश बिहारी लगभग एक घंटे बाद जब उसका जवाबी एसएमएस आया, 2302 हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस गाजियाबाद को पीछे छोड़ चुकी थी। यात्रीगण शाम का वेलकम स्नैक्स लगभग खत्म कर चुके थे और मेरा को-पैसेंजर ऊपर की बर्थ पर … Read more

परिधि के पार | राकेश बिहारी

परिधि के पार | राकेश बिहारी

परिधि के पार | राकेश बिहारी – Paridhi Ke Paar परिधि के पार | राकेश बिहारी नेहा ने उस रात अपनी डायरी के पन्नों पर लिखने के बजाय कुछ तस्वीरें उकेरी थी… गहरे नीले आसमान की गोद में खूब-खूब चमकता पूरा चाँद, भर आकाश जगमगाते सितारे और नीचे फूलों से लदी रातरानी… डायरी के हल्के … Read more

प्रस्थान | राकेश बिहारी

प्रस्थान | राकेश बिहारी

प्रस्थान | राकेश बिहारी – Prasthaan प्रस्थान | राकेश बिहारी दीपिका जब स्टेशन पहुँची गाड़ी प्लेटफार्म पर लग चुकी थी – उसका डिब्बा इंजन के ठीक बाद था और वह गार्ड के डब्बे के पास खड़ी थी – उसने अपने कंधों पर दोनों एयर बैग लटकाए और लगभग दौड़ती हुई अपने डब्बे की तरफ भागी … Read more

किनारे से दूर… | राकेश बिहारी

किनारे से दूर... | राकेश बिहारी

किनारे से दूर… | राकेश बिहारी – Kinare Se Dur किनारे से दूर… | राकेश बिहारी धूप की सुनहरी रोशनी खुले आसमान की नीली आभा से मिल कर रजतवर्णी होने का आभास दे रही थी – वह बार-बार सामने के दृश्य को कैमरे में उतारने की कोशिश कर रहा था लेकिन सूरज की तेज किरणें … Read more

और अन्ना सो रही थी… | राकेश बिहारी

और अन्ना सो रही थी... | राकेश बिहारी

और अन्ना सो रही थी… | राकेश बिहारी – Aur Anna So Rahi Thi और अन्ना सो रही थी… | राकेश बिहारी पहली बार हम कब मिले थे यह मुझे ठीक-ठीक याद नहीं। लेकिन दफ्तर के नॉनएक़्जिक्यूटिव टॉयलेट में, जिसे हम हृाइट हाउस कहते थे, कभी अपनी जिप खोलते – बंद करते या फिर बेसिन … Read more

आउटसाइडर | राकेश बिहारी

आउटसाइडर | राकेश बिहारी

आउटसाइडर | राकेश बिहारी – Outsider आउटसाइडर | राकेश बिहारी ‘उसे आज भी मना किया या नहीं?’ घर लौटते ही रोज की तरह विशाल ने पहला सवाल यही किया था – यामिनी कुछ कहती इसके पहले उसे वह दिन याद हो आया जब विशाल ने पहली बार ऐसी बात की थी – ‘आजकल सृजन कुछ … Read more