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होंठ तक पथरा गए | इसाक ‘अश्क’

होंठ तक पथरा गए | इसाक ‘अश्क’ होंठ तक पथरा गए | इसाक ‘अश्क’ प्यास के मारेनदी केहोंठ तक पथरा गए। मेघदूतों कीप्रतीक्षा में –थकी आँखेंधूप सहतेस्याह-नीलीपड़ गई शाखें ज्वारखुशबू के चढ़े जो थेस्वतः उतरा गए। फूल सेदिखते नहीं दिनकहकहों वालेतितलियों केपंख तक मेंपड़ गए छाले स्वप्नरतनारे नयन केटूट कर बिखरा गए।