उलझनों से उबार लेताएक हाथ है एक स्त्री साथ हैसाधे हुए मेरी धरती-आकाशजोड़े हुए अपनी आयुमेरी आयु से Like this:Like Loading... See also कहा मेरी बेटी ने | प्रयाग शुक्ला