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हस्ताक्षर के नीचे तिथि |प्रेम चंद शुक्ला | हिंदी कविता

लगभग आदत ही हो गई हैहस्ताक्षर के नीचे तिथि लिखने की।जहाँ दस्तखत कर नहीं लिखता तारीख लगता हैकुछ छूट रहा है। पूरी नहीं हुई है अभी दस्तखत। कितनी तारीखें हैंनाम के नीचे टँकी हुईकरती हुई नाम के समय का प्रतिनिधित्व तारीखें भी तोसमय का नाम ही हैं। नाम से ही हमबचाए रखते हैंअंतहीन समय में […]