तवांग के बच्चे | घनश्याम कुमार देवांश
तवांग के बच्चे | घनश्याम कुमार देवांश

तवांग के बच्चे | घनश्याम कुमार देवांश

तवांग के बच्चे | घनश्याम कुमार देवांश

(झाम्ट्से गटसल चिल्ड्रेन्स कम्यूनिटी, लुमला, तवांग के बच्चों के लिए) 

हर सुबह हजारों मील दूर से
चली आती हैं तुम्हारी बौद्ध प्रार्थनाएँ
हवा में तैरते हुए
तुम्हारी हँसी
महानगर के भयानक शोर में भी
आत्मा की आवाज की तरह साफ-साफ सुनाई देती है
तुम मुस्कुराते हो
तो तुम्हारे चेहरों के प्रतिबिंब
चाँद के दर्पण में पूरी-पूरी रात दमकते हैं
जब भी छूते हो कहीं तुम कोई दरख्त
पृथ्वी पर पेड़, पानी और मनुष्य बढ़ जाते हैं

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