हम मुगलसराय हुए | यश मालवीय हम मुगलसराय हुए | यश मालवीय स्टेशन की किच-किचऔर हाय-हाय हुएहम मुगलसराय हुए बहुत बड़े जंक्शन कीअपनी तकलीफें हैंगाड़ी का शोर औरसपनों की चीखें हैंसुबह की बनी रखीदुपहर की चाय हुएहम मुगलसराय हुए ताले-जंजीरें हैंनजरें शमशीरें हैंशयनयान में जागींउचटी तकदीरें हैंधुंध-धुआँ कुहरे सेधूप के बजाय हुएहम मुगलसराय हुए साँस-साँस […]
Yash Malviya
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हम तो सिर्फ नमस्ते हैं | यश मालवीय
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शब्द का सच | यश मालवीय
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विष बुझी हवाएँ | यश मालवीय
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यात्राएँ समय की
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माँ का अप्रासंगिक होना
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मुंबई | यश मालवीय
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भीड़ से भागे हुओं ने | यश मालवीय
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बोलकर तुमसे | यश मालवीय
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