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सोच और सच

पलंग पर लेट करशाम के वक्तकुछ सोच रहा थाकुछ सोच रहा थातो छिपकली की आवाजनिकली चिल-चिलकिसी ने कहा थाजब कभी कुछ सोचते वक्तछिपकली की आवाज निकलीतो वह सच निकलेगा।क्या थी मेरी सोच?मेरा सपना?कब होगा वह सच?