किताबों के पन्ने पलटते हुएमैं अपने खोए दिनों की खुशबूफिर से पा रहा हूँ। घड़ी देख कर मुझे एहसासतो होता है किगया वक्त तो गयाअब आगे के लिए कुछ करूँ। लेकिन सोचते-सोचतेआज इस वक्त भीमुझे छोड़ जा रहा हैवक्त, लोग… सभी…मैं हैरान होकर खड़ा हूँ!