किताबों के पन्ने पलटते हुए
किताबों के पन्ने पलटते हुए

किताबों के पन्ने पलटते हुए
मैं अपने खोए दिनों की खुशबू
फिर से पा रहा हूँ।

घड़ी देख कर मुझे एहसास
तो होता है कि
गया वक्त तो गया
अब आगे के लिए कुछ करूँ।

लेकिन सोचते-सोचते
आज इस वक्त भी
मुझे छोड़ जा रहा है
वक्त, लोग… सभी…
मैं हैरान होकर खड़ा हूँ!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *