हिमालय की सुनामी

हिमालय की सुनामी

उस पुराने कंबल में खुले छेदबोलते थे भाषा गहरी आहों कीभूख और अभाव की जबकि कंबल के एक छोर सेबाहर झाँकताछोटा सा सिर –खुद सुकरात का हैसवाल उठाता है जोविकास के मानदंडों परतारकोल की चिपचिपी सड़क के पार लेटे हुएगूँजती हुई मनहूस सुरंगों के अंदर सेपहाड़ों पर टेढ़े-मेढ़े दौड़ते हुए केदारनाथ नामक शहर की ओरजहाँ … Read more

सपनों को पकड़ने वाला

सपनों को पकड़ने वाला

मुझे जंगल में समय पर पहुँचना होगाहर दिन पौ फटने से पहलेधुँधले अँधेरे में बिखरे हुएकुछ सपने पकड़ने के लिए मुझे पहुँचना होगाउन पेड़ों की पत्तियों परसूरज निकलने से पहलेजिन पर सपनों को ढेर लगा हैरात भर के लिएशाखाओं पर जिनका बसेरा है सपने – अधदेखे सपने, पूरे सपनेऔर वे सपने जिन्हें देखा जाना हैजन्मे … Read more

मेरी खोई हुई डायरी

मेरी खोई हुई डायरी

हर रात कीसचेत गोपनीयता मेंअँधेरे और चुप्पीके संगम से जन्मे छह ऊबड़-खाबड़ साल कुचले पड़े हैं, सोमवार, मंगलवार या बुधवारके रूप मेंचिह्नित नहींन ही पहली, दूसरी या तीसरीतारीखों की शक्ल मेंबल्कि चकतों और दमक के साथ हर अक्षर बोझिलछायाओं और दूतों से मैंने डायरी में लिखा तोअँगुलियाँ फड़की थींपास बैठे बच्चे केसपनों से होते हुए … Read more

पहाड़ पर रातें

पहाड़ पर रातें

मुझे तब पता नहीं थाजो मैं अब जानती हूँ छत पर धम की भारी आवाजरोज-रोज की नींद कीचट्टानी चुप्पी को तोड़ती हुईउड़ने वाली लोमड़ी थी वहजिसके पंख नहीं ले जातेआकाश में अपना वजनन ही करते हैं मुकाबला पहाड़ी कोहरे से सपनों से बाहर भीड़ मचाते हुएमैं निपट अकेली रात कीकाली सुरंग में गिर पड़ूँगीचाँदनी से … Read more

पुराने दोस्त

पुराने दोस्त

(माँ के लिए) पुराना पैन स्टैंड सलामत हैदशकों से सीधा रखा है इसनेलेखक का तैयार और सावधान पैनउसके द्वारा उठाए जाने की प्रतीक्षा में हैजिसका जीवन-रक्त इसकी स्याही थाउसके आँसू इसका प्रवाहऔर हर्ष इसकी ऊर्जा था अपनी लंबी और पतली रीढ़ मेंउसके जुनून, दर्द और पीड़ा को मथते हुएधीरे-धीरे कागज पर उभरे थे जोदाएँ से … Read more

धरती के ऊपर

धरती के ऊपर

अजान की तान गूँजती है भोर की गोधूलि में जब प्रकाश की किरणें प्रवेश करती हैं आसमान में नमाज के लिए पाँव मोड़ कर आधे बैठे बादलों में चिड़ियाएँ रात की नींद से उठकर चहचहाते हुए अपने पंख झटकती हैं अपने घोंसले से बाहर उड़ जाती हैं चंद्रमा के क्षीण वक्र के इर्द गिर्द झूलती हैं चंद्रमास की चौदहवीं रात के लिए जाप करती हुई प्रार्थनाएँ पड़ी हैं खुले हुए कोष्ठक में आकाश में लटकी हुई इस पल इस … Read more

चूड़ियाँ पहनने की कला

चूड़ियाँ पहनने की कला

खाली पन्ना शब्द पहनता हैस्नेह और धैर्य सेकाँच की चूड़ियाँ पहनने वाली लड़कियों की तरहएक एक करके,एक-एक करके, ध्यान से हौले-हौले,इस तरह सही फिट करना किहाथ दबाते हुए न चूड़ी टूटेऔर न ही हाथ को चोट लगे वे लटकती हुई ढीली और बड़ी न होंया इतनी कसी भी न हों कि खाल से चिपक जाएँउन्हें … Read more

गर्भवती महिला

गर्भवती महिला

लाइलक्स और ट्यूलिप अंकुरित होते हैंउसकी भृकुटी सेउसका जर्द चेहराउजली धूप में झिलमिलाता हैउसकी देह, एक उजला बगीचा जीवन के भीतर नाचता जीवनपंख से हल्के पाँवबढ़ता हुआ पेट, हल्केपन में फूला हुआकसा हुआ स्पंज मकाउ केकिले के खंडहर मेंसुस्त अतीत, आरामदायक मार्ग परपुर्तगाली भाषा में इतिहास फुसफुसाते हुए,उसके हाथ अंदर के बच्चे को सहलाते हुएगोल-गोल … Read more

आजादी की उड़ानें

आजादी की उड़ानें

कई आए, दस्तक दी और चले गएलेकिन मेरी दोस्त, सिमोन दि बोउवा तुम नहींतुम नहीं गई,सेकंड सेक्स, मैंडरिन्स और सभी किताबें;मेरे निज की नाजुक झिल्लियों को खींचती हुईरिवाज को भावना से अलगाती हुईमेरे समस्त प्यारों के दोराहों परतुमने मेरे भीतरी अंधड़ के दरवाजे में प्रवेश कियामेरी मार्गदर्शक सितारा, मेरी प्रकाशस्तंभमेरी दोस्त, तुम मेरी दुश्मन होमुझे … Read more