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समर्पण के नाम संबोधन | पुष्पिता अवस्थी

समर्पण के नाम संबोधन | पुष्पिता अवस्थी समर्पण के नाम संबोधन | पुष्पिता अवस्थी अपनी फड़फड़ाहटसौंप देती है पक्षियों को अपना तापलौटा देती है सूरज को अपना आवेगदे देती है हवाओं को अपनी प्यासभेज देती है नदी के ओठों को अपना अकेलापनघोल देती है एकांत कोने में फिर भीहाँ… फिर भीउसके पासयह सब बचा रह […]