नरम खामोशी | पुष्पिता अवस्थी
नरम खामोशी | पुष्पिता अवस्थी

नरम खामोशी | पुष्पिता अवस्थी

नरम खामोशी | पुष्पिता अवस्थी

प्रेम
अनुभूतियों का अन्वेषक है
प्रेम
अपने जीवन में
रचा है – नया जीवन

खोजता है –
स्नेह-सृजन के नूतन स्रोत

प्रेमानुभूति का तरल-पथ
अभिव्यक्ति की नरम खामोशी
अनुभूति का मौनानंद
अनकहा –
पर भीतर-ही-भीतर
सबकुछ कहता हुआ
जिसे पहली बार सुनती है – आत्मा
और समझ पाती है –
प्रेम-सुख का अर्थ
जो
देह से उपजता है
देह से परे जाकर

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