प्रणय-मोक्ष | पुष्पिता अवस्थी
प्रणय-मोक्ष | पुष्पिता अवस्थी

प्रणय-मोक्ष | पुष्पिता अवस्थी

प्रणय-मोक्ष | पुष्पिता अवस्थी

प्रेम –
रंग नहीं,
पानी नहीं,
उजाला नहीं,
अँधेरा नहीं,
ताप नहीं,
शीतलता नहीं,
सुगन्ध है –
सिर्फ अनुभूति भर के लिए

प्रेम –
प्रकृति नहीं,
सृष्टि नहीं,
समुद्र नहीं,
सूर्य नहीं,
चन्द्र नहीं,
पवन नहीं,
सौन्दर्य है –
सिर्फ सुख के लिए

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प्रेम –
साँस नहीं,
धड़कन नहीं,
चेतना नहीं,
स्पर्श नहीं,
स्पन्दन नहीं,
अभिव्यक्ति नहीं,
देह नहीं –
सिर्फ आत्मा है
परम तृप्ति और मोक्ष के लिए।

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