सार्वजनिक नल | हरीशचंद्र पांडे सार्वजनिक नल | हरीशचंद्र पांडे इस नल मेंघंटों से यूँ ही पानी बह रहा है बहाव की एक ही लय है एक ही ध्वनि और सततता भी ऐसी किध्वनि एक धुन हो गई है बरबादी का भी अपना एक संगीत हुआ करता है ढीली पेंचों के अपने-अपने रिसाव हैंअधिक कसाव […]
Tag: Harishchandra Pandey
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हिजड़े | हरीशचंद्र पांडे
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सहेलियाँ | हरीशचंद्र पांडे
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नया साल मुबारक हो | हरीशचंद्र पांडे
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दहशत | हरीशचंद्र पांडे
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