पिंजड़ा | नरेश अग्रवाल
पिंजड़ा | नरेश अग्रवाल
सचमुच पिंजड़े के बाहर
कितनी आजाद है दुनिया
और इसके भीतर कितनी तंग
फासला दोनों के बीच है
बस हाथ बढ़ाओ और
छू लेने जितना
फिर भी लग जाएगी
सारी जिंदगी इस पंछी को
इसे पार करने में भी।
पिंजड़ा | नरेश अग्रवाल
सचमुच पिंजड़े के बाहर
कितनी आजाद है दुनिया
और इसके भीतर कितनी तंग
फासला दोनों के बीच है
बस हाथ बढ़ाओ और
छू लेने जितना
फिर भी लग जाएगी
सारी जिंदगी इस पंछी को
इसे पार करने में भी।