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दाग-धब्बे | नरेश सक्सेना

दाग-धब्बे | नरेश सक्सेना दाग-धब्बे | नरेश सक्सेना दाग-धब्बेसाफ-सुथरी जगहों पर आना चाहते हैं जहाँ कहीं भी कुछ होने को होता हैभले ही हत्या होनी हो किसी कीदाग-धब्बे प्रकट होने को आतुर हो उठते हैंऔर जब कोई नहीं आता आगेहत्यारों के खिलाफ, गवाही देनेदाग-धब्बे ही आते हैं त्वचा तक सीमित नहीं होता उनका आनावे स्मृतियों […]