उस रात के बाद हर रात | असलम हसन
उस रात के बाद हर रात | असलम हसन
उस रात के बाद
हर रात अक्सर नींद उचट जाती है
लगता है बाहर हजारों कुत्ते भौंक रहे हैं
बस्ती में धुआँ उठ रहा है और
भीतर अस्थियाँ पिघल रही हैं
उस रात के बाद
अक्सर नींद उचट जाती है
दौड़ती है सिहरन नस-नस में
चीखना चाहता हूँ
लेकिन आवाज फँस जाती है हलक में
मानो किसी ने गर्दन में टायर डाल दिया हो
उस रात के बाद हर रात अक्सर
जग जाती है चौंक कर
पास सोई उम्मीद भरी पत्नी
झकझोरती कहती, सुनते हो
आजकल मुन्ना पाँव नहीं चलाता…