हँसता है कंकाल | असलम हसन हँसता है कंकाल | असलम हसन वे जो पहाड़ों की सैर नहीं करतेअपने कंधों पे ढोते हैं पहाड़…वे जिनके बच्चे कभी नहीं जोड़ पाएँगेलाखों-करोड़ों का हिसाबरटते हैं पहाड़ावे जो सींचते हैं धरती-गगन अपने लहू सेरोज मरते हैं पसीने की तेजाबी बू सेवे जो मौत से पहले ही हो जाते […]
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हम बेचारे | असलम हसन
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