जो हैउसकी चिंता करने की क्या जरूरत हैजैसे कि वर्तमान जो नही हैउसे पाने की दौड़ लगाना एक वहशीपन हैजैसे की भविष्य है और नहीं के बीचएक तनाव है यह उम्मीद का तनावऔर इस तनाव के साथ जीते जाने में क्या हर्ज है।
Shri Prakash Shukla
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झाड़ू और आदमी
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पहरे पर पिता
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पिता की रुलाई
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रेत की माँ
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