तुम बार बार कपड़े बदलती होहर बार काले रंग पर ठहर जाती होएक बार घुलो तो मुझमेंकहीं तुम्हारा काला रंग मैं तो नहीं हूँ।मेरे अक्षरमुझे ‘न’ अक्षर से बहुत लगाव हैमेरे दोस्त मुझसे कहते हैहो सकता है इसमें तुम्हारी प्रेमिका का नाम होमैं कहता हूँन में ना हैना से मैं नफरत तो नहीं करता, घबराता […]
Tag: Sheshnath Pandey
Posted inPoems
मेरे गाँव में
Posted inPoems
नई जड़ी-बूटी
Posted inPoems
तुम्हारा देखना
Posted inPoems
उस रात की चाह
Posted inPoems