Posted inPoems

पानी

पहले हमारे यहाँ कुएँ नहीं थे।पानी के लिए यजमानों के घर जाना होता था।वे अपने आँगन से बाल्टी में पानी लेते थे हमें नीचे से खजूर के सूखे-पत्तों से पानी लेना था।नहीं तो खेतों के बीच की नालियों में से।एक घड़ा पानी के लिए जानेवाली अम्मा या नानीआँगन से हमारी पुकार की नोक परबँधी हुई […]