हरी मछली के खेल | रमेश बक्षी

हरी मछली के खेल | रमेश बक्षी

हरी मछली के खेल | रमेश बक्षी – Hari Machhali Ke Khel हरी मछली के खेल | रमेश बक्षी मुझे वह शाम अच्छी तरह याद है जब वह पठानकोट से उतरा था। उसे देखकर लगा था जेसे उसके सूट पर ही नहीं उसके शरीर पर भी गरम लोहा रखा गया है, तभी तो हर लहजा … Read more

मुमताज महल का इयरिंग | रमेश बक्षी

मुमताज महल का इयरिंग | रमेश बक्षी

मुमताज महल का इयरिंग | रमेश बक्षी – Mumataaj Mahal Ka Jyaring मुमताज महल का इयरिंग | रमेश बक्षी सुबह की ठंडी हवा में वह ताजमहल के गुंबद को देख रहा था और फटे-से कपड़े पहने दो आदमी उसे घूर रहे थे। वे दोनों बातें करने लगे, ‘लाख समझाया पर मानता ही नहीं है। अगर … Read more

मेज पर टिकी हुई कुहनियाँ | रमेश बक्षी

मेज पर टिकी हुई कुहनियाँ | रमेश बक्षी

मेज पर टिकी हुई कुहनियाँ | रमेश बक्षी – Mej Par Tiki Huee Kuhaniyaan मेज पर टिकी हुई कुहनियाँ | रमेश बक्षी कुहानियाँ मेज पर टिकी थीं और दोनों हाथ सिर पर इस तरह रखे हुए थे, जैसे सिर ही दोनों हाथों पर रखा हुआ हो। आँसू कुछ इस तरह बहे थे कि उनकी लकीर … Read more

बगैर शेड वाले बल्ब की रोशनी | रमेश बक्षी

बगैर शेड वाले बल्ब की रोशनी | रमेश बक्षी

बगैर शेड वाले बल्ब की रोशनी | रमेश बक्षी – Bagair Shed Vale Balb Ki Roshani बगैर शेड वाले बल्ब की रोशनी | रमेश बक्षी जब से टेबिल-लेंप की बात को लेकर झगड़ा हुआ है मैं उनसे कम ही बोलता हूँ फिर भी कोई दास-साढ़े दस का समय हुआ होगा कि मैंन कहा, ‘चलो न … Read more

पैरोडी | रमेश बक्षी

पैरोडी | रमेश बक्षी

पैरोडी | रमेश बक्षी – Pairodi पैरोडी | रमेश बक्षी वह मेर दफ्तर में आ गई। मेरे सामने बैठते ही उसने कहा – ‘मुझे पापा ने भेजा है।’ मैंने कलम रोक कर उसकी तरफ देखा। खूब कीमती साड़ी कस कर बाँधी गई थी। नेक्लेस पर हीरे चमक रहे थे। जूड़ा उसने ब्यूटी सेलून से बँधवाया … Read more

प्रार्थना | रमेश बक्षी

प्रार्थना | रमेश बक्षी

प्रार्थना | रमेश बक्षी – Prarthana प्रार्थना | रमेश बक्षी फिर नींद टूट गई। उफ! आज जाने कितनी बार यह टूटेगी। टूटती ऐसे है, जैसे किसी के हाथ से छूटकर कोई गिलास टूट गया हो। करवट बदल ली है। पहले बाँई तरफ देख रहा था। अब चेहरे के सामने दाँई तरफ की दुनिया है – … Read more

पूरे सोलह आने-भर | रमेश बक्षी

पूरे सोलह आने-भर | रमेश बक्षी

पूरे सोलह आने-भर | रमेश बक्षी – Pure Solah Aane Bhar पूरे सोलह आने-भर | रमेश बक्षी लेग मुझे देखकर कहते हैं कि इतना बड़ा गुनाह करने पर भी यह शान से चलता है। एकदम बेशर्म है, नाक काटकर सिर पर रख ली। इसकी जगह और कोई होता तो बेचारा कुएँ में डूब मरता; और … Read more

थर्मस में कैद कुनकुना पानी | रमेश बक्षी

थर्मस में कैद कुनकुना पानी | रमेश बक्षी

थर्मस में कैद कुनकुना पानी | रमेश बक्षी – Thermos Mein Kaid Kunakuna Pani थर्मस में कैद कुनकुना पानी | रमेश बक्षी कोई बात है कि मैं मिनट-मिनट पसीने में भीग रहा हूँ पर ट्रेन चल रही है, यूँ कहूँ कि चले चल रही है। रात शायद आधी से अधिक जा चुकी है। मैं खिड़की … Read more

तवाँ करदन तमामी उम्र | रमेश बक्षी

तवाँ करदन तमामी उम्र | रमेश बक्षी

तवाँ करदन तमामी उम्र | रमेश बक्षी – Tava Karedan Tamami Umr तवाँ करदन तमामी उम्र | रमेश बक्षी हर इतवार की सुबह बड़ा इतंजार रहता था कि हॉकर अब आए, अब आए और वीकली लाए क्योंकि जब से कैमरा खरीदा है सुबह से रात तक फोकस मिलाने और एंगल देखने के सिवाय कोई और … Read more

जो सफल हैं | रमेश बक्षी

जो सफल हैं | रमेश बक्षी

जो सफल हैं | रमेश बक्षी – Jo Saphal Hai जो सफल हैं | रमेश बक्षी मुझे खासा आश्चर्य हो रहा था कि बस स्टाप पर मिसेज अशोक खड़ी थी और बड़ी बेसब्री से हर आती हुई बस की ओर दौड़ती थीं। मैंने दूर से देखा हैं कि एक बस में वे चढ़ गईं। मेरे … Read more