साहित्य में आरक्षण | पंकज चौधरी

साहित्य में आरक्षण | पंकज चौधरी

साहित्य में आरक्षण | पंकज चौधरी साहित्य में आरक्षण | पंकज चौधरी अखबार के भी वही संपादक बनते हैंगोष्ठियों की भी वही अध्‍यक्षता करते हैंचैनलों पर भी वही बोलते हैंप्रधानमंत्री के भी शिष्‍टमंडल में विदेशी दौरे वही करते हैंलाखों के भी पुरस्‍कार वही बटोरते हैंवाचिक परंपरा के भी लिविंग लीजेंड वही कहलाते हैंमहान पत्रकार, महान … Read more

वे ब्राह्मणवादी नहीं हैं | पंकज चौधरी

वे ब्राह्मणवादी नहीं हैं | पंकज चौधरी

वे ब्राह्मणवादी नहीं हैं | पंकज चौधरी वे ब्राह्मणवादी नहीं हैं | पंकज चौधरी वे ब्राह्मणवादी नहीं हैंलेकिन ब्राह्मणों को ही कवि मानेंगे वे ब्राह्मणवादी नहीं हैंलेकिन ब्राह्मणों को ही पुरस्‍कार दिलाएँगे वे ब्राह्मणवादी नहीं हैंलेकिन ब्राह्मणों को ही मंच पर बुलाएँगे वे ब्राह्मणवादी नहीं हैंलेकिन ब्राह्मणों के गुट में शामिल रहेंगे वे ब्राह्मणवादी नहीं … Read more

लड़ना जरूरी है | पंकज चौधरी

लड़ना जरूरी है | पंकज चौधरी

लड़ना जरूरी है | पंकज चौधरी लड़ना जरूरी है | पंकज चौधरी लड़ोक्योंकि लोगों ने लड़ना छोड़ दिया है लड़ोक्योंकि बगैर लड़े कुछ नहीं मिलता लड़ोक्योंकि बगैर लड़े घुट-घुटकर जीना पड़ता है लड़ोक्योंकि अभी तक तुम्हें जो कुछ भी मिला हैलड़कर ही मिला है लड़ोक्योंकि लड़ने वाले का इंतजार होता है लड़ोक्योंकि नहीं लड़ने से … Read more

मुखौटा | पंकज चौधरी

मुखौटा | पंकज चौधरी

मुखौटा | पंकज चौधरी मुखौटा | पंकज चौधरी शैतान होना सबसे अच्‍छा हैक्‍योंकि शैतान कम से कमप्रभु होने का ढोंग तो नहीं करता विधर्मी होना सबसे अच्‍छा हैक्‍योंकि विधर्मी कम से कमधार्मिक होने की पताका तो नहीं फहराते फिरता झूठा होना सबसे अच्‍छा हैक्‍योंकि झूठा कम से कमसत्‍यवादी होने का डंका तो नहीं पिटते फिरता … Read more

मैं हार नहीं मानूँगा, तो तुम जीतोगे कैसे | पंकज चौधरी

मैं हार नहीं मानूँगा, तो तुम जीतोगे कैसे | पंकज चौधरी

मैं हार नहीं मानूँगा, तो तुम जीतोगे कैसे | पंकज चौधरी मैं हार नहीं मानूँगा, तो तुम जीतोगे कैसे | पंकज चौधरी मैं हार नहीं मानूँगातो तुम जीतोगे कैसे मैं रोऊँगा नहींतो तुम हँसोगे कैसे मैं दुखी दिखूँगा ही नहींतो तुम सुख की अनुभूति करोगे कैसे मैं ताली ही नहीं बजाऊँगातो तुम ताल मिलाओगे कैसे … Read more

प्रार्थना | पंकज चौधरी

प्रार्थना | पंकज चौधरी

प्रार्थना | पंकज चौधरी प्रार्थना | पंकज चौधरी हे ईश्‍वरतुम यदि कहीं होतो मेरी प्रार्थना है तुमसेकि तुम मुझे पाखंडी मत बनानाक्‍योंकि पाखंडी का पाखंडअंततः उसे ही खंड-खंड करता हैऔर दंड मेंउसका ही धर्म, समाज और राष्‍ट्र बदनाम होता है हे ईश्‍वरतुम यदि कहीं होतो मेरी प्रार्थना है तुमसेकि तुम मुझे मक्‍कार मत बनानाक्‍योंकि मक्‍कारी … Read more

दोस्त और जाति | पंकज चौधरी

दोस्त और जाति | पंकज चौधरी

दोस्त और जाति | पंकज चौधरी दोस्त और जाति | पंकज चौधरी दोनों दोस्त थेऔर संयोग से दोनों एक ही जाति के भी थेदोनों जब मिलतेतो लगता कि तोता और मैना मिल रहे हों दोनों बात करने जब एकांत मे बैठतेतो अपनी जाति के इतिहासवर्तमान और भविष्य को खंगाल डालतेअपनी जाति के भारत निर्माण मेंयोगदान … Read more

दिल्ली | पंकज चौधरी

दिल्ली | पंकज चौधरी

दिल्ली | पंकज चौधरी दिल्ली | पंकज चौधरी दिल्ली में समाज नहीं हैदिल्ली में व्यक्ति ही व्यक्ति है दिल्ली में राम का नाम नहीं हैदिल्ली में सुबह और शाम काम ही काम है दिल्ली में श्रम का दाम नहीं हैदिल्ली में श्रम ही श्रम है दिल्ली में प्यार नहीं हैदिल्ली में तिजारत ही तिजारत है … Read more

गरमी | पंकज चौधरी

गरमी | पंकज चौधरी

गरमी | पंकज चौधरी गरमी | पंकज चौधरी भीषण गरमी हैआग के गोले बरस रहे हैंपत्‍ता तक नहीं हिल रहापाताल भी सूख गया होगा पिछले पच्‍चीस सालों का रिकार्ड भंग हो रहा है… बड़े-बूढ़ों की गरमीऐसे ही निकल रही थीऔर दूधमुँहे बच्‍चों की गरमीघमोरियों में निकल रही थी!

किस-किस से लड़ोगे यहाँ | पंकज चौधरी

किस-किस से लड़ोगे यहाँ | पंकज चौधरी

किस-किस से लड़ोगे यहाँ | पंकज चौधरी किस-किस से लड़ोगे यहाँ | पंकज चौधरी किस-किस से लड़ोगे यहाँकोई यहाँ ब्राह़मणवादी है तोकोई यहाँ राजपूतवादीकोई यहाँ कायस्‍थवादी है तोकोई यहाँ कोयरीवादी, कुरमीवादीकोई यहाँ यादववादी है तोकोई यहाँ बनियावादीकोई यहाँ जाटववादी है तोकोई यहाँ वाल्‍मीकिवादी, खटिकवादीकोई यहाँ हिन्‍दूवादी है तोकोई यहाँ मुस्लिमवादी, ईसाईवादीकोई यहाँ पूंजीवादी है तोकोई … Read more