किस-किस से लड़ोगे यहाँ | पंकज चौधरी
किस-किस से लड़ोगे यहाँ | पंकज चौधरी

किस-किस से लड़ोगे यहाँ | पंकज चौधरी

किस-किस से लड़ोगे यहाँ | पंकज चौधरी

किस-किस से लड़ोगे यहाँ
कोई यहाँ ब्राह़मणवादी है तो
कोई यहाँ राजपूतवादी
कोई यहाँ कायस्‍थवादी है तो
कोई यहाँ कोयरीवादी, कुरमीवादी
कोई यहाँ यादववादी है तो
कोई यहाँ बनियावादी
कोई यहाँ जाटववादी है तो
कोई यहाँ वाल्‍मीकिवादी, खटिकवादी
कोई यहाँ हिन्‍दूवादी है तो
कोई यहाँ मुस्लिमवादी, ईसाईवादी
कोई यहाँ पूंजीवादी है तो
कोई यहाँ इगोवादी
कोई यहाँ आभिजात्‍यवादी है तो
कोई यहाँ कलावादी
कोई यहाँ बिहारवादी है तो
कोई यहाँ यूपीवादी, एमपीवादी
कोई यहाँ अवसरवादी है तो
कोई यहाँ तलवावादी
कोई यहाँ बकवादी है तो
कोई यहाँ इस्‍तेमालवादी
कोई यहाँ अफसरवादी है तो
कोई यहाँ कुलीनवादी, दयावादी

सब यहाँ आदमी के वेष में वादी है
और वाद का कवच ओढ रखा है
इंसानियत का ताज गिरा रखा है
आदमी बने भी तो बने कैसे
सब ने ऐसे-ऐसे वादों का मल खा रखा है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *