सत्य | मुंशी रहमान खान

सत्य | मुंशी रहमान खान

सत्य | मुंशी रहमान खान सत्य | मुंशी रहमान खान सत्‍य अटल है जगत महं सत्‍य धर्म का खंभ।सत्‍य की दसी लक्ष्‍मी सत्‍य बंधे सुरब्रह्म।।सत्‍य बंधे सुर ब्रह्म सत्‍य से ईश्‍वर राजी।सत्‍य सरवरी तप नहीं सत नहिं हारै बाजी।।कहैं रहमान स्‍वर्ग है सत से देवै नर्क असत्‍य।भव सागर तरना चहहु उर धारहु नित सत्‍य।।

सच्चा मित्र | मुंशी रहमान खान

सच्चा मित्र | मुंशी रहमान खान

सच्चा मित्र | मुंशी रहमान खान सच्चा मित्र | मुंशी रहमान खान साईं सांचो मीत वहि जो कपास सम हो‍हि।रक्षा करै तनु आय भर जियत न छोड़ै तोहि।।जियत न छोड़ै तोहि मरे पर साथहिं जावै।सड़ै मृतक तन तोर संग तोरे सड़ जावै।।रहमान मीत ह्वै धन हरै विपति में जाय पराई।अस सुमित्र से श्‍वान भल रहै … Read more

विवाह मंगलाचरण | मुंशी रहमान खान

विवाह मंगलाचरण | मुंशी रहमान खान

विवाह मंगलाचरण | मुंशी रहमान खान विवाह मंगलाचरण | मुंशी रहमान खान दोहा नमहुँ शीश जगदीश पद छोड़ मोह मद काम।हाथ जोरि सादर विनय सबहिं करहुँ परनाम।। 1 ।।मनाना लाजिम है हमें धन्‍यवाद प्रभु आज।दें आशीश वर वधू अरु युलियान गरीब निवाज।। 2 ।।कहिहौं ईश्‍वर का सुयश मुख में सुइय लगाय।पुनि मंगलाचरन शुभ बंधुन देहुँ … Read more

विदेश | मुंशी रहमान खान

विदेश | मुंशी रहमान खान

विदेश | मुंशी रहमान खान विदेश | मुंशी रहमान खान रहियो तुम जिस देश में पलियो नृप की नीति।चलियो अपने धर्म पर सब से रखियो प्रीति।।सब से रखियो प्रीति बचन मीठे उच्‍चरियो।द्यूत सुरा छल कपट तज दुर्जन संग न करियो।कटैं कोटि बाधा अमित तौ सुख से तुम रहियो।।

विज्ञान शिक्षा | मुंशी रहमान खान

विज्ञान शिक्षा | मुंशी रहमान खान

विज्ञान शिक्षा | मुंशी रहमान खान विज्ञान शिक्षा | मुंशी रहमान खान दोहा जिन प्रभुता से प्रभु रचे चंद्र सूर्य आकाश।रची भूमि सागर सहित तिस पर परत प्रकाश।। 1अद्भूत ईश्‍वर के चरित मानुष किमि समुझाय।रवि किरनें जल पर परें तुरत भाप बनिजाय।। 2पवन प्रसंग से भाप उड़ सो अकाश को जाय।पाववै शीत अकाश में तुरत … Read more

वायुयान | मुंशी रहमान खान

वायुयान | मुंशी रहमान खान

वायुयान | मुंशी रहमान खान वायुयान | मुंशी रहमान खान यान बनाए बहुत नर वायुयान परधान।अमित भार लेकर उडै़ चलै मारग असमान।।चलै मारग असमान जहाँ नहिं खग प्रभुताई।दूर देश की राह छिनक महं तय कर जाई।।जौन चलावैं यान नभ ईश दीन्‍ह बुधि ज्ञान।धन्‍यवाद रहमान दे जिन निर्मायो यान।।

वायु | मुंशी रहमान खान

वायु | मुंशी रहमान खान

वायु | मुंशी रहमान खान वायु | मुंशी रहमान खान वायु न होती धरनि पर नहीं जियत जिव धारि।बिनु प्रसंग घन वायु के नहिं बरसत जग वारि।।नहिं बरसत जग वारि वायु दुर्गंध नशावै।कठिन तेज रवि की किरन छिन महं तपन बुझावै।।कहैं रहमान वायु सुखदाता जीवन जियें भर आयु।कोई वस्‍तु नहिं होत जग जो नहिं होती … Read more

व्यंर्थ खर्च | मुंशी रहमान खान

व्यंर्थ खर्च | मुंशी रहमान खान

व्यंर्थ खर्च | मुंशी रहमान खान व्यंर्थ खर्च | मुंशी रहमान खान व्‍यथा खर्च करना बुरा है सब को दुखदानि।सेठ धनी राजा बणिक उनहुँ उठाई हानि।।उनहुँ उठाई हानि कर्ज से पार न पायो।नाश कीन्‍ह धन धाम नाम कछु काम न आयो।।कहैं रहमान चतुर नगर जग में करहिं खर्च निज शक्ति यथा।पालैं दीन दुखी अरु कुल … Read more

भारतीय | मुंशी रहमान खान

भारतीय | मुंशी रहमान खान

भारतीय | मुंशी रहमान खान भारतीय | मुंशी रहमान खान आए हम सब हिंद से करन नौकरी हेत।गिरमिट काटी कठिन से फिर सरकारी खेत।।फिर सरकारी खेत कोई निज देश चले गए।कोई खरीदी भूमि कोई गाँवन में बस गए।।कहैं रहमान भाग्‍य के कारन पाय लक्ष्‍मी बहुत हर्षाये।रहा भाग्‍य विपरीत जिन्‍हों का कहैं कि यहँ नाहक हम … Read more

भक्ति | मुंशी रहमान खान

भक्ति | मुंशी रहमान खान

भक्ति | मुंशी रहमान खान भक्ति | मुंशी रहमान खान भक्ति ईश्‍वरी शक्ति है जानैं पुरुष महान।भक्ति मुक्ति दाता अहै भाष्‍यो निगम पुरान।।भाष्‍यो निगम पुरान भक्ति से दर्शन पावै।हरै तीनहूँ ताप भक्ति सुर लोक पठावै।।रहमान ईश्‍वरी भक्ति से नहीं जबर नर शक्ति।भक्ति बचायो हिरनसुत लखहु ईश्‍वरी भक्ति।।