व्यंर्थ खर्च | मुंशी रहमान खान
व्यंर्थ खर्च | मुंशी रहमान खान

व्यंर्थ खर्च | मुंशी रहमान खान

व्यंर्थ खर्च | मुंशी रहमान खान

व्‍यथा खर्च करना बुरा है सब को दुखदानि।
सेठ धनी राजा बणिक उनहुँ उठाई हानि।।
उनहुँ उठाई हानि कर्ज से पार न पायो।
नाश कीन्‍ह धन धाम नाम कछु काम न आयो।।
कहैं रहमान चतुर नगर जग में करहिं खर्च निज शक्ति यथा।
पालैं दीन दुखी अरु कुल को बचाय लेहिं धन खर्च व्‍यर्था।।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *