हंटर बरसाते दिन मई और जून के | जयकृष्ण राय तुषार हंटर बरसाते दिन मई और जून के | जयकृष्ण राय तुषार हंटर बरसाते दिनमई और जून केखुजलाती पीठों परकब्जे नाखून के। जेठ की दुपहरी मेंसोचते आषाढ़ कीसूखे की चिंता मेंकभी रहे बाढ़ की,किससे हम दर्द कहेंहाकिम ये दून के। हाँफ रही गौरयाचोंच नहीं दाना […]
Tag: Jaikrishn Rai Tushar
Posted inPoems
नए साल में | जयकृष्ण राय तुषार
Posted inPoems
चाँदनी थी तुम | जयकृष्ण राय तुषार
Posted inPoems