सांध्य तारा | एडगर ऐलन पो

सांध्य तारा | एडगर ऐलन पो

सांध्य तारा | एडगर ऐलन पो सांध्य तारा | एडगर ऐलन पो गर्मियों की दोपहर थी,और आधी रात का समय;और तारे अपनी कक्षाओं में,चमकते थे पीले सेउज्जवल, शीतल चंद्रमा की चाँदनी में,जो था अपने दास ग्रहों के बीच,स्वयं आकाश में,लहरों पर थी उसकी किरणें।मैंने ताका कुछ पलउसकी सर्द मुस्कान को;उदासीन, बहुत ही भावहीन लगी मुझेउधर … Read more

मेरी माँ के लिए | एडगर ऐलन पो

मेरी माँ के लिए | एडगर ऐलन पो

मेरी माँ के लिए | एडगर ऐलन पो मेरी माँ के लिए | एडगर ऐलन पो क्योंकि मुझे लगता है कि, ऊपर स्वर्ग में,आपस में फुसफुसाते स्वर्गदूत,नहीं पा सकते, उनके प्यार के प्रज्वलित शब्दों के बीच,“माँ” जितना कोई अनुरागी शब्दइसलिए आपको उस प्यारे नाम सेमैंने बहुत पहले पुकारा था –आप जो मेरी माँ से बढ़कर … Read more

एकाकी | एडगर ऐलन पो

एकाकी | एडगर ऐलन पो

एकाकी | एडगर ऐलन पो एकाकी | एडगर ऐलन पो मैं बचपन से नहीं हूँऔरों जैसा, मेरा नजरिया नहीं रहादूसरे की तरह, न ही मुझे आवेग मिलेसमान सोते से; मेरे दुखों काउद्गम था सबसे अलग;मेरे हृदय में नहीं जागाआनंद समान धुनों से;और जिनसे भी मैंने प्यार किया,अकेले मैंने प्यार किया।फिर – मेरे बचपन में,प्रचंड जीवन … Read more

खामोशी | एडगर ऐलन पो

खामोशी | एडगर ऐलन पो

खामोशी | एडगर ऐलन पो – Khamoshi खामोशी | एडगर ऐलन पो ‘मेरी बात सुनो,’ शैतान ने मेरे सिर पर हाथ रखते हुए कहा, ‘जिस जगह की मैं बात कर रहा हूँ, वह लीबिया का निर्जन इलाका है – जेअर नदी के तट के साथ-साथ, और वहाँ न तो शांति है, न खामोशी। नदी का … Read more