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रेगिस्तान में झील | आनंद हर्षुल

रेगिस्तान में झील | आनंद हर्षुल – Registan Mein Jheel रेगिस्तान में झील | आनंद हर्षुल रेत के टीले इसलिए सुनहरे दमकते होते है कि उनके भीतर सूर्य होते हैं। रेत के टीलों की खुदाई करो – वहाँ सैकड़ों सूर्य होंगे। पत्नी खुश थी। मैं खुश था। बिटिया की ताली थी – नन्ही बिखेरती हुई। […]