रेगिस्तान में झील | आनंद हर्षुल

रेगिस्तान में झील | आनंद हर्षुल

रेगिस्तान में झील | आनंद हर्षुल – Registan Mein Jheel रेगिस्तान में झील | आनंद हर्षुल रेत के टीले इसलिए सुनहरे दमकते होते है कि उनके भीतर सूर्य होते हैं। रेत के टीलों की खुदाई करो – वहाँ सैकड़ों सूर्य होंगे। पत्नी खुश थी। मैं खुश था। बिटिया की ताली थी – नन्ही बिखेरती हुई। … Read more

मौत पर छलाँग | आनंद हर्षुल

मौत पर छलाँग | आनंद हर्षुल

मौत पर छलाँग | आनंद हर्षुल – Maut Par Chalang मौत पर छलाँग | आनंद हर्षुल वह ऊँचाई से गिरता है – जलता हुआ, और हजारों आँखें उसे देखती हैं गिरता। हजारों आँखों से उसके ओझल होते ही, छपाक् की आवाज आती है और थोड़ी देर बाद वह दिखता है, अपने दोनों हाथ हिलाता – … Read more

पुतले | आनंद हर्षुल

पुतले | आनंद हर्षुल

पुतले | आनंद हर्षुल – Putale पुतले | आनंद हर्षुल वे सीमेंट के थे – छह पुतले। सीमेंट के रंग की ही साँवली त्वचा लिए। काँच की रंगीन गोलियों और चीनी मिट्टी के टूटे बर्तनों से, उनकी त्वचा सजी थी। इन काँच की गोलियों का खेल, बच्चे अब भूल चुके थे। बच्चे अब कंप्यूटर के … Read more

टीला | आनंद हर्षुल

टीला | आनंद हर्षुल

टीला | आनंद हर्षुल – Tila टीला | आनंद हर्षुल वह टीले पर बैठा था – चुप और गुमसुम। पैर पेट की ओर मुड़े हुए थे और घुटनों पर कोहनियाँ थीं। अपनी हथेलियों में वह अपना चेहरा थामे था। हथेलियों के बीच काला चेहरा था – ठेठ काला और चेचक के गहरे दागों से भरा। … Read more

उस बूढ़े आदमी के कमरे में | आनंद हर्षुल

उस बूढ़े आदमी के कमरे में | आनंद हर्षुल

उस बूढ़े आदमी के कमरे में | आनंद हर्षुल – Us Budhe Aadami ke Kamare Mein उस बूढ़े आदमी के कमरे में | आनंद हर्षुल छब्बीस सीढ़ियाँ थीं – उन तक पहुँचने के लिए। पहली सीढ़ी पर ही यह पता चल जाता था कि वे अपने कमरे में हैं या नहीं। उनके खाँसने की आवाज … Read more