शिशु | नरेश सक्सेना
शिशु | नरेश सक्सेना

शिशु | नरेश सक्सेना

शिशु लोरी के शब्द नहीं
संगीत समझता है
बाद में सीखेगा भाषा
अभी वह अर्थ समझता है

समझता है सबकी मुस्कान
सभी के अल्ले ले ले ले
तुम्हारे वेद पुराण कुरान
अभी वह व्यर्थ समझता है
अभी वह अर्थ समझता है

See also  खेवनहार पिता | ओम प्रकाश नौटियाल

समझने में उसको, तुम हो
कितने असमर्थ, समझता है
बाद में सीखेगा भाषा
उसी से है, जो है आशा।

Leave a comment

Leave a Reply