खिड़की के पास वाली सीट | प्रयाग शुक्ला
खिड़की के पास वाली सीट | प्रयाग शुक्ला
काउंटर पर
लड़की
करती हिसाब
सुनती फोन –
चमकती ट्यूबलाइट में
पकड़ती है बस वह
शाम को।
गिनता है समय
एक दिन,
उसके एक-एक सफेद
और काले बाल।
जन्म ले चुकी होती हैं
अनेक नई चिड़ियाँ
इस बीच –
जिन्हें कभी-कभी देखती है वह,
जब मिल जाती है
खिड़की के पास वाली सीट।