खोई हुई चीज | प्रयाग शुक्ला
खोई हुई चीज | प्रयाग शुक्ला

खोई हुई चीज | प्रयाग शुक्ला

खोई हुई चीज | प्रयाग शुक्ला

वह खोई हुई चीज नहीं मिलती
दिनों तक कितनी ही चीजों में उसकी
झलक आती है अँधेरे में हम उससे मिलती-जुलती
चीज को उठाकर तौलने भी लगते हैं।
घर में रास्ते में बरसों बाद भी कौंध जाती
है वह खोई हुई चीज। और जब चीजों के
खोने के बारे में बातें होती हैं,
वही याद आती है सबसे अधिक।

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