काम की बातें करेंगे कल
काम की बातें करेंगे कल

काम की बातें करेंगे कल
आज तो इतवार का दिन है
सच कहें तो प्यार का दिन है

जगा सूरज ही नहीं अब तक
ओढ़ कर चादर सवेरा सो रहा
बाल तकिए पर खुले हैं धूप के
और रेशम सा अँधेरा सो रहा

काम की बातें करेंगे कल
आज तो इतवार का दिन है
जीत वाली हार का दिन है

See also  माँगपत्र | नरेंद्र जैन

खिड़कियाँ उढ़की हुई हैं शाम से
वक्त ठहरा हुआ आँखें मल रहा
थरथराहट छोड़, लौ सीधी रखे
एक दीया याद का बस जल रहा

काम की बातें करेंगे कल
आज वंदनवार का दिन है
बिन पढ़े अखबार का दिन है

चाय के कप अभी तक औंधे रखे
हवा पंखे बीच चक्कर काटती
बहुत बेआवाज सी कोई किरन
नींद ही में खुशबुओं को बाँटती

See also  महानगर में प्यार की जगह | घनश्याम कुमार देवांश

काम की बातें करेंगे कल
आज तो त्यौहार का दिन है
अनकहे आभार का दिन है

Leave a comment

Leave a Reply