बच्चे का गोलक | विश्वनाथ-प्रसाद-तिवारी
बच्चे का गोलक | विश्वनाथ-प्रसाद-तिवारी

बच्चे का गोलक | विश्वनाथ-प्रसाद-तिवारी

बच्चे का गोलक | विश्वनाथ-प्रसाद-तिवारी

कुछ भी निरर्थक नहीं है
सृष्टि की हर चीज
होती है अर्थवान

यह सत्य मैंने उस दिन जाना
जिस दिन खोला
अपने छोटे बच्चे का
बड़ा-सा गोलक।

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