जिंदा दफन कर दी गई बेटियों के नाम | असलम हसन
जिंदा दफन कर दी गई बेटियों के नाम | असलम हसन
(पवित्र कुरआन में वर्णित कयामत के दिन के मंजर पर आधारित कविता)
जब खींच ली जाएगी आसमान की खाल
और सूरज सवा नेजे पर आ जाएगा
जब ऊँटनियाँ बिलबिलाएँगी और
पहाड़ रुई बन जाएगा
जब माँ इनकार कर देंगी अपने बेटों को
पहचानने से
तब उस कयामत के दिन अल्लाह माँगेगा हिसाब
जिंदा दफन कर दी गई
बेटियों से पूछा जाएगा
बताओ तुम्हें किस जुर्म की
सजा दी गई थी
तब उस इनसाफ के दिन
मेरी बेटियों तुम तोड़ देना अपने-अपने
सब्र का बाँध
शायद खुदा के सामने
हश्र का मैदान* पानी-पानी हो जाए
(*हश्र का मैदान , वो मैदान जहाँ कयामत के दिन अल्लाह इनसाफ करेगा)