पाँच चिड़ियों ने | ज्ञानेन्द्रपति पाँच चिड़ियों ने | ज्ञानेन्द्रपति पाँच चिड़ियों नेखाली आकाश कोसूने घाट पर नहाने आई सखियों-साअपनी क्रीड़ाओं से भर दिया फिर आएराहगीर पक्षियों केमंथर झुंडकाँपते आकाश कोसुतल करते