एथेंस का पतन हो रहा है क्योंकि शब्द अपने अर्थ खो रहे हैं। (सुकरात , 469-399 ईसा पूर्व) अच्छा, आज तुम्हें लफ़्फ़ाज़ की कहानी सुनाता हूँ, एक सच्ची कहानी। बहुत साल हो गए, शायद बीस या पचीस या उससे भी ज्यादा, जब से मैं उसे जानता था, और इधर अरसे से उसे नहीं देखा, फिर भी उसकी […]
Yogendra Ahuja
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