तरुण जी से मेरी पहचान लाइब्रेरी की वजह से हुई। जहाँ मैं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के सिलसिले में जाया करता था। जबकि वे वहाँ अपने विशद सामान्य ज्ञान को गूढ़ से गूढ़तर बनाने आया करते थे। मैं कंपटीशन की किताबों में उलझा रहता तो वे साहित्य, अखबार और इंडिया टुडे सरीखी पत्रिकाओं में सर […]
Tag: Vishwambhar Mishra
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भगवान की लाठी
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