संतरे वाली

(1) चंदा को लोग संतरेवाली के ही नाम से जानते हैं, पर वह सिर्फ संतरे नहीं बेचती, उसकी डलिया में अमरूद भी होते हैं, केले व सेब भी रहते हैं और कभी-कभी वह आम और अंगूर भी ले आती है। चंदा घर में अकेली औरत है। माँ-बाप थे कभी, सो न जाने कब कूच कर … Read more

रेल का डिब्बा

रेल के डिब्बे में आपने सफर तो कई बार किया होगा, मगर क्या कभी सोचा कि यह दुनिया भी, जिसमें आप घर द्वार बाँधकर रहते हैं, एक बड़ा रेल का डिब्बा है। क्योंकि यह भी उसी की भाँति लोगों और उनकी चीज वस्तु से खचाखच भरा है। जहाँ उन्हें परवाह नहीं कि कौन खड़ा है … Read more

जिल्दसाज

(1) वह अधेड़ जिल्दसाज सबेरे से शाम तक और अँधेरा होने पर दिए की रोशनी में बड़ी रात तक, अपनी छोटी-सी दुकान में अकेला एक फुट लंबी चटाई पर बैठा किताबों की जिल्दें बाँधा करता। उसकी मोटी व भद्दी अँगुलियाँ बड़ी उतावली से अनवरत रंग-बिरंगे कागजों के पन्नों में उलझती रहतीं और उसकी धुंधली आँखें … Read more

आदमी और कुत्ता

मैं आपके सामने अपने एक रेल के सफर का बयान पेश कर रहा हूँ। यह बयान इसीलिए है कि सफर में मेरे साथ जो घटना घटी उसका कभी आप अपने जीवन में सामना करें तो आप अपनी किंकर्तव्यविमूढ़ता झिटककर अपने भीतर बैठे आदमी के साथ उचित न्याय कर सकें। सो जिस दिन का यह जिक्र … Read more