नेलकटर | Uday Prakash (उदय प्रकाश)

नेलकटर उदय प्रकाश द्वारा लिखी गयी एक शार्ट स्टोरी है। सावन में घास और वनस्पतियों के हरे रंग में हल्का अँधेरा-सा घुला होता है। हवा भारी होती है और तरल। वर्षा के रवे पर्तों में तैरते हैं। मैं नौ साल का था। इसी महीने राखी बँधती है। कजलैयाँ होती है। नागपंचमी में गोबर की सात … Read more

डिबिया

डिबिया अभी तक मेरे पास है। कई वर्षों से मैंने उसे खोल कर भी नहीं देखा। लेकिन उसे खोलने का निर्णय पूरी तरह मुझ पर निर्भर करता है। समाज या कोई और, कोई दोस्त भी, मुझ पर यह दबाव नहीं डाल सकता कि मैं उसका ढक्कन सिर्फ इसलिए खोल दूँ कि इससे मेरी बातों के … Read more

टेपचू | Hindi Short Story |Uday Prakash

यहाँ जो कुछ लिखा हुआ है, वह कहानी नहीं है। कभी-कभी सच्चाई कहानी से भी ज्यादा हैरतअंगेज होती है। टेपचू के बारे में सब कुछ जान लेने के बाद आपको भी ऐसा ही लगेगा। टेपचू को मैं बहुत करीब से जानता हूँ। हमारा गाँव मड़र सोन नदी के किनारे एक-दो फर्लांग के फासले पर बसा … Read more

अरेबा परेबा

सभी के शरीर में मस्से कहीं न कहीं होते ही हैं। उनकी संख्या ज्यादा नहीं होती। हर कोई अपने शरीर में उनकी जगह के बारे में जानता है। उनकी संख्या का भी कुछ-कुछ अनुमान उसे होता है। लेकिन हमारे गाँव में सेमलिया की पूरी देह में मस्से ही मस्से थे। इतने कि उसे खुद अपनी … Read more

अनावरण

वह मूर्ति बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की ही थी, जिसका अनावरण हमारे छोटे-से कस्बे के सबसे आलीशान रेलवे रोड के मुख्य चौराहे पर होना था। पुणे के मूर्तिकार। अनंतराव दत्ताराव पेंढे, जिनकी बनाई गणपति बप्पा मोरया की मूर्तियाँ मुंबई तक में बिकती थीं और दुर्गापूजा के मौके पर महीना-दो महीना जो खप्पड़-धारिणी, जगत्तारिणी, महिषासुरमर्दिनी, अष्टभुजा … Read more

जज साहब

नौ साल हो गए, उत्तरी दिल्ली के रोहिणी इलाके में तेरह साल तक रहने के बाद, अपना घर छोड़ कर, वैशाली की इस जज कॉलोनी में आए हुए। यह वैशाली का ‘पॉश’ इलाका माना जाता है। उत्तर प्रदेश की सरकार ने न्यायाधीशों के लिए यहाँ प्लाट आवंटित किए थे। ऐसे ही एक प्लॉट पर बने … Read more