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होगी जय, होगी जय… हे पुरुषोत्तम नवीन!

बात फैल गई चारों ओर! जंगल की बात, जंगल की आग की तरह! अरुण वर्मा ने आज फिर एक ट्रक पकड़ा है, पकड़ा है तो खैर ऐसी कोई खास बात नहीं! सभी फॉरेस्‍टवाले पकड़ते रहते हैं। ऐसे कि जहाँ माल लादकर चुपचाप रफूचक्‍कर हो जाने की सरसराहट सुनी, टार्च की रोशनी फेंककर एक तीखी सीटी […]